मैं लाचारी सी बच्ची अक्ल की, थोड़ी सी मैं कच्ची मैं थाली में सो गई हूंँ। मैं लाचारी सी बच्ची अक्ल की, थोड़ी सी मैं कच्ची मैं थाली में सो गई हूंँ।
मैं अब क्या कहूं उन हालातों में सबसे कि मैं आधा रोटी की ख़बर क्यों नहीं ले पाता ! मैं अब क्या कहूं उन हालातों में सबसे कि मैं आधा रोटी की ख़बर क्यों नहीं ले पात...
बर्तन भी गंदे हैं, उनको भी धोना है, समझ आया, कि नहीं, बर्तन भी गंदे हैं, उनको भी धोना है, समझ आया, कि नहीं,
मेरे एहसास उनकी उम्मीदें इसीलिए तो मेरे अपने हैं इनसे ही तो मेरे सपने हैं इसीलिए तो मेरे एहसास उनकी उम्मीदें इसीलिए तो मेरे अपने हैं इनसे ही तो मेरे सपने हैं ...
वतन की अस्मिता की रक्षा की जा रही भारतीयों के हवाले। वतन की अस्मिता की रक्षा की जा रही भारतीयों के हवाले।
दुश्मनों को, ना आने देंगे, इस धरती पे दोबारा, हम कर देंगे अर्पण....... दुश्मनों को, ना आने देंगे, इस धरती पे दोबारा, हम कर देंगे अर्पण.......